पद्मासन बैठ कर किया जाने वाला आसन है, जिसमे दोनों पैर को मोड़कर विपरीत जांघ पर रखा जाता है और दोनों घुटने विपरीत दिशा में रहते हैं। यह एक प्रमाणित आसन है, जो की आमतौर पर ध्यान करने के लिए उपयोग किया जाता है|

पद्मासन में शरीर की गतिविधियां रुक जाती हैं जिससे स्थिरता आती है और आपका मन ध्यान में आसानी से लगता है| पद्मासन का अभ्यास नियमित करने से आपको शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक रूप से सुख एवं शांति मिलती है।
Padmasana in Hindi
पद्मासन क्यूँ करना चाहिए?
हम सभी का मन अस्थिर और अशांत रहता है तथा शारीरिक और मानसिक तनाव के चलते हम बीमारियों से घिरे रहते हैं|
पद्मासन हमें स्थिर बनाकर हमारे शारीरिक और मानसिक तनाव को दूर करता है जिससे हम स्वस्थ रह सकते हैं| इसके अभ्यास से हमारी एकाग्रचित्ता बढ़ती है जिससे हम किसी भी काम को ज्यादा बेहतर ढंग से कर सकते हैं|
पद्मासन करने से शांत मन और चित प्रसन्न रहता है और इसके अभ्यास से आपका शरीर पूर्ण कमल की तराह खिल उठता है, इसी लिए इस आसन को “पदम् आसन ” के नाम से जाना जाता है|
हम सभी को रोजाना कम से कम 5 मिनट पद्मासन का अभ्यास करना चाहिए|
पद्मासन कैसे करें? – आसान और सही steps
Step1:

समतल धरातल पर आसन बिछा कर बैठ जाएं, आपकी कमर और गर्दन सीधे हों तथा आपके दोनों पैर सामने की ओर सीधे खुले हों|
Step2:
धीरे से अपने दाहिने घुटने को मोड़ें और पैर को आराम से बांयी जांघ पर रख दें, ध्यान रखें की आपकी एड़ी पेट के पास रहे और तलवा ऊपर की तरफ हो|
Step3:
इसी तरह से बाएं पैर को आराम से दांयी जांघ पर रखें|
अगर आपको दूसरे पैर को रखने में तकलीफ हो, तो आप जल्दीबाजी या जबरदस्ती बिलकुल ना करें|
Step4:

आपके दोनों पैर मुड़े और आराम से विपरीत जांघों पर रखे हुए हैं, अब आप अपने दोनों हाथों को किसी एक मुद्रा में अपने घुटनों पर रखें|
Step5:
ध्यान रखें आपकी कमर और गर्दन सीधे रहेंगें(आराम से सीधे रखें, तने हुए नहीं ) तथा आपके कंधे relax रहेंगे|
Step6:
इसी स्थिति में रहकर गहरी सांसें लेते और छोड़ते रहें| सांसों का लेना और छोड़ना आराम से करें जबरदस्ती ना करें|
Step7: 3 से 5 मिनट के बाद आप दूसरे पैर को ऊपर रख कर ये करें|
पद्मासन से पूर्ण लाभ के लिए मुद्रा का प्रयोग:
किसी भी मुद्रा में बैठ कर पद्मासन करने से शरीर में ऊर्जा का संचार बढ़ता है, सभी मुद्राएं अलग होती हैं और इस प्रकार उनसे होने वाले लाभ भी अलग-2 होते हैं|
पद्मासन के साथ ये कुछ मुद्राएँ बहुत कारगर हैं – चिन मुद्रा, चिन्मयी मुद्रा, आदि मुद्रा और ब्रह्म मुद्रा| इनमे से किसी मुद्रा के साथ पद्मासन में बैठ कर कुछ देर साँस लें और शरीर में होने वाली ऊर्जा संचार को अनुभव करें|
अपनी याददास्त बढ़ाने के लिए यह वीडियो देखें:
शुरुआती लोग(नौसिखिया) पद्मासन कैसे करें?
अगर आप पद्मासन पहली बार कर रहे हैं तो हो सकता है आप दोनों पैरों को जांघों पर ना रख पाएं क्यों की पद्मासन करने के लिए आपका शरीर लचीला होना चाहिए|

इस स्थिति में आप अर्ध-पद्मासन का अभ्यास कर सकते हैं, इस आसन में कोई भी एक पैर विपरीत जांघ पे रखकर बैठना होता है| जब तक आपका शरीर पद्मासन करने जितना लचीला और तैयार ना हो तब तक आपको अर्ध-पद्मासन ही करना चाहिए|
पद्मासन अभ्यास के लाभ/फायदे :
पदमासन मानव जाती के लिए वरदान है और इसके निरंतर अभ्यास से अनगिनत फायदे हैं, उनमें से कुछ महत्वपूर्ण फायदों को यहाँ जानते हैं|
- पद्मासन मांसपेशियों के तनाव को कम करता है और रक्तचाप को नियंत्रण में लाता है|
- ये आसन आपकी पाचन शक्ति बढ़ाने में मदद करता है जिससे कब्ज दूर होती है|
- पद्मासन के अभ्यास करने से आपका मन शांत और और स्वभाव(चित) प्रसन्न रहता है|
- इस आसन में आप गर्दन और कमर को सीधा रखते हो जिससे आपकी रीढ़ की हड्डी और गर्दन समय के साथ मजबूत होती है|
- पद्मासन से घुटनों और टखनों को खिचाव मिलता है जिससे वो मजबूत होते हैं और ये आसन कूल्हों को खोलता है, जिससे वे अधिक लचीले होते हैं।
- इस आसन के निरंतर अभ्यास से मासिक चक्र सुगम होता है और गर्भवती महिलाओं को प्रसव में कम तकलीफ होती है|
- यदि इस आसन का नियमित अभ्यास किया जाए तो sciatica pain में चमत्कारी फायदा मिलता है|
- इस आसन के अभ्यास से आप अपनी चेतना/focus और शारीरिक ऊर्जा को बढ़ा सकते हो|
- ये आसन आपके चेहरे पर चमक बढ़ाता है जिससे आपका चेहरा कमल की तरह खिल उठता है|
पद्मासन के लिए सावधानियां – कौन इसे नहीं करे?
आपको कुछ जरूरी बातों और सावधनियों को पदमासन करते समय हमेशा ध्यान रखना चाहिए|
- आपके घुटने या टखने में चोट या दर्द है तो इस आसन को नहीं करना चाहिए|
- आपको हमेशा किसी अनुभवी योगा टीचर की देख रेख में इस आसन का अभ्यास करना चाहिए, खास तोर पर अगर आप नौसिखिया हैं तो|
- अगर आपको पद्मासन करते समय किसी भी body part में जरूरत से ज्यादा दर्द या खिचाव हो तो भी इसे ना करें| अपनी छमता के अनुसार ही अभ्यास करें|
- वैरिकोज नस की समस्या होने पर इसे न करें।
पद्मासन कितने समय तक करना चाहिए?
शुरुआत में इसका अभ्यास 1-2 मिनट के लिए करें और धीरे-धीरे आप इसे 20 – 30 मिनट तक बढ़ा सकते हैं।
सामान्य परिस्थितियों में यह 5 से 10 मिनट के लिए ही पर्याप्त है। नियमित इतने समय करने से आपको बहुत फायदा होगा|
पद्मासन से पहले किये जाने वाले आसन:
अर्ध मत्स्येन्द्र आसन
बद्ध कोणासन
वीरासन
जानू शीर्षासन
पद्मासन के बाद में किये जाने वाले आसन :
अधोमुख श्वानासन
मत्स्यासन
निष्कर्ष :
अगर आप स्वस्थ, सुखी और शांतिपूर्ण स्थिर जीवन चाहते हैं तो आपको नियमित 5-10 मिनट पद्मासन करना चाहिए|
इससे तनाव जड़ से खत्म होता है, जो की सभी बीमारियों की जड़ माना जाता है|
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